दीपावली के अवसर पर क्षेत्र के प्रतिष्ठित गौ सेवा धाम हॉस्पिटल मे गायों की सेवा के साथ साथ जैविक रूप से अब दीपक, धूपबत्ती बनायीं जा रही है।
दीपक स्वचालित रूप से दीपावली से सम्बंधित है जो वर्ष का वह त्यौहार है। जब हम दीपक खरीदते है। दीपक जलाना, अंधकार को दूर करने और बुराई पर अच्छाई की जीत, अज्ञान पर ज्ञान का प्रतीक हैं। इसके अलावा यह माना जाता है कि धन की देवी, लक्ष्मी के स्वागत के लिए, गाय के गोबर से बना दीपक कल्याणकारी होता है।
हॉस्पिटल के माहासचिव प्रत्यक्ष शर्मा ने बताया की सरकार की वोकल फॉर लोकल नीति को बढ़ावा देने के लिए गो सेवा धाम मे अब दीपक, धूपबत्ती का उत्पादन कर रहे है। इस कार्य से आसपास के असहाय गोवंश तथा जीव-जंतु के लालन पालन तथा उपचार मे सहयोग रहेगा। हज़ारो गाय आधारित उद्धमियों /किसानो /महिला उद्धमियों को व्यवसाय के अवसर पैदा करने, गाय के गोबर के उत्पादों के उपयोग से वातावरण स्वच्छ और स्वस्थ बनेगा, साथ ही गाय के गोबर से ही केचुआ की मदद से जैविक खाद भी तैयार किया जा रहे है ज़िसके प्रयोग से किसान बगैर रसायनिक खाद के ही खेती मै अच्छी फसल ले सकेंगे,
इससे गौशाला को 'आत्मनिर्भर' बनने मे भी मदद मिलेगी। चीनी निर्मित उत्पादों की जगह पर्यावरण के अनुकूल विकल्प प्रदान करके, अभियान 'मेक इन इंडिया' विज़न और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन को बढ़ावा मिलेगा और पर्यावरणीय क्षति को कम करते हुए स्वदेशी आंदोलन को भी बढ़ावा देगा। इसके साथ ही हॉस्पिटल की संचालिका तथा प्रसिद्ध कथवाचिका पूज्य देवी चित्रलेखा जी का कहना है की भारतीय त्यौहार पर विदेशी कंपनी से खरीददारी करना उचित नहीं है। अपने स्थानीय स्तर पर भारतीय सामान कि ही खरीददारी कर उनको आर्थिक रूप से सक्षम बनाये।