नववर्ष पर गौवंश को हरा चारा, श्रद्धालुओं को भोजन और श्रीराधा नाम संकीर्तन | नए साल की शुरुआत गौमाताओं के साथ।
वैसे तो नववर्ष को देश विदेश में सभी अपने अपने तरीके से जश्न मनाकर जाने वाले साल को विदा और आने वाले साल का स्वागत करते हैं ।
वैसे ही हर वर्ष की भाँती इस वर्ष भी करमन बार्डर स्थित क्षेत्र के प्रतिष्ठित गौ सेवा धाम हाँस्पीटल ने नये साल का स्वागत घायल, बीमार तथा दुर्घटनाग्रस्त गौंवश की सेवा कर किया। दूर-दराज के क्षेत्रों से आये श्रद्धालुओं ने सर्वप्रथम पावन गौ सेवा धाम की परिक्रमा करते हुये संकीर्तन किया। तत्पश्चात हवन, यज्ञ तथा गौ आरती के साथ नववर्ष के कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद उपचाराधीन गौंवश को अपने-अपने हाथों से गुड़, हरा चारा, गन्ना, दलिया आदि खिलाकर यहां पधारे श्रद्धालुगणों ने गौ सेवा की। नए साल के अवसर पर हाँस्पीटल की संचालिका देवी चित्रलेखा जी ने अपने भक्तों से डिजिटल माध्यम से जुड़ते हुए इस नए साल में जीवन को सकारात्मक विचारों से भर देने वाली कुछ बातें साझा करते हुए कहा कि जैसा आप अपने बच्चों को सिखाओगे वैसा ही वो सीखेंगे
हर त्यौहार पर हमे बच्चों को सामाजिक व सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने वाले कार्यक्रमों से जोड़ना चाहिए।
अगर आप आप हर त्यौहार को किसी जरूरतमंद की मदद करते हैं तो आपको किसी शुभकामनायों की जरुरत भी न पड़ेगी।
बीते 2 साल हमारी जिंदगी में विपत्ति भरे जरूर रहे लेकिन हम सबने सकारात्मक विचारो के सहारे उन मुश्किल दिनों को भी पार किया अब हमे जरुरत है सकारात्मक विचारों के साथ नए साल की शुरुरात करें।
कोरोना जैसी महामारी जैसी आपदा से लड़ने के लिए कोरोना की दवाई के साथ साथ जरूरत है मजबूत आत्मबल की क्यूंकि आत्मबल मजबूत होगा तभी आप हर लड़ाई जीत पाओगे और सकारात्मक रह सकोगे
कार्यक्रम में मौजूद सैकड़ों भक्तों के लिए भंडारा प्रसाद का आयोजन भी किया गया, समस्त कार्यक्रम में राधा कृष्ण और सुदामा की झांकियां मुख्य आकर्षण का केंद्र रही।
आपको बता दें कि गौ सेवा धाम नित्य तथा निरंतर गौ सेवा में कार्यरत है। गौसेवा धाम हाँस्पीटल असहाय गौवंश तथा अन्य जीव-जन्तुओं का निःशुल्क उपचार करता है। यहाँ वर्षभर असहाय जीव-जन्तु चिकित्सा सुविधा प्राप्त करते हैं।
समस्त कार्यक्रम में कोरोना गाइडलाइंस का पालन किया गया अधिकतर भक्त मास्क पहने हुए नजर आए।