गौ सेवा धाम हॉस्पिटल में हुए हवन और पूजा अनुष्ठान को इंग्लैंड के किशोर कुमार गुप्ता अपने पुत्र नरेश कुमार गुप्ता के स्वास्थ्य के लिए संपन्न कराया। इस मौके पर देवी चित्रलेखाजी के साथ मिलकर गौ सेवा धाम के समस्त कर्मचारी व पदाधिकारियों ने हवन यज्ञ में आहुति दी। गौ सेवा धाम के महामंत्री प्रत्यक्ष शर्मा ने बताया की भारतीय मूल के किशोर गुप्ता जो की अब इंग्लैंड में रहने लगे हैं। किशोर गुप्ता के पुत्र नरेश गुप्ता जो की लकवा की वजह से चल फिर नहीं सकते और न ही वो भारत आ सकते हैं । किशोर और उनके पुत्र का बहुत मन था की वो भारत आकर गौवंश के बीच एक हवन पूजन का आयोजन करें, पर कोरोना और कम समय के चलते वो भारत न आ सकते इसीलिए किशोर जी और उनका पूरा परिवार डिजिटल माध्यम की मदद से इस समस्त कार्यक्रम से वीडियो कॉल से जुड़े
किशोर ने हवन के साथ यहां भर्ती गौवंश के लिए मीठा दलिया व हरी सब्जियों का भंडारा कराया
साथ ही उन्होंने यहां काम आने वाली कुछ मशीनें भी गौ सेवा धाम को समर्पित करी।
गौ सेवा धाम की संचालिका देवी चित्रलेखाजी ने बताया की ऐसा पहली बार नहीं है की जब कोई अपने परिवार की शांति के लिए गौ सेवा धाम में हवन पूजा करा रहा हो इस से पूर्व में भी गौ सेवा धाम में बाहर विदेश में रह रहे भारतीय मूल के लोग इस तरह के आयोजन कराते आये हैं।
देवी चित्रलेखाजी ने बताया कि मानव जीवन में यज्ञ को सर्वश्रेष्ठ कर्म माना गया है। प्राचीन हिंदू सनातन परम्परा से आधुनिक युग तक यज्ञ मनुष्य के जीवन का अभिन्न अंग रहा है। हिन्दू समाज में अगर घर में कोई भी शुभ कार्य हो या परिवार की शांति या पर्यावरण की रक्षा की बात हो तो हवन का महत्व और भी बढ़ जाता है
देवी चित्रलेखाजी ने बताया की हवन में गौ माता के गोबर से बने उपले, लड़की व गाय के घी का उपयोग किया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन पैदा किया जा सके। साथ ही बताया की ऑक्सीजन चाहिए तो गाय के घी से ही हवन करें, क्यूंकि एक चम्मच गाय के घी से हवन करने से एक टन आक्सीजन बनती है जो नौ वर्ग किलोमीटर के वातावरण को शुद्ध बनाती है।